चार मुखी रुद्राक्ष के फायदे और नुकसान, पहनने की विधि, कौन पहन सकता है

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चार मुखी रुद्राक्ष हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसमें स्वयं ब्रह्मा और माता सरस्वती की दिव्य ऊर्जा का वास होता है। इस रुद्राक्ष में चार प्राकृतिक धारियाँ होती हैं, इसलिए इसे “चार मुखी” कहा जाता है। यह विशेष रूप से बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और बुद्धि, वाणी तथा स्मरण शक्ति को प्रबल बनाने वाला रुद्राक्ष माना जाता है।

नीचे विस्तार से जानिए चार मुखी रुद्राक्ष के फायदे, नुकसान, धारण करने की विधि, नियम, किसे पहनना चाहिए, किसे नहीं और इसकी कीमत के बारे में:

4 मुखी रुद्राक्ष के फायदे | Char Mukhi Rudraksha ke Fayde

1. एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाने में अद्भुत

चार मुखी रुद्राक्ष का सबसे बड़ा लाभ विद्यार्थियों और उन लोगों के लिए होता है जिनका काम पढ़ाई, शोध या लेखन से जुड़ा है। यह रुद्राक्ष एकाग्रता को बढ़ाता है और स्मरण शक्ति को मजबूत करता है। नियमित रूप से चार मुखी रुद्राक्ष पहनने से दिमाग की शक्ति बढ़ती है और विचारों में स्पष्टता आती है। यही कारण है कि इसे ज्ञान का रत्न भी कहा जाता है।

2. बोलने की कला और आत्मविश्वास में वृद्धि

चार मुखी रुद्राक्ष के प्रमुख फायदे में से एक है आत्मविश्वास और संचार क्षमता को बढ़ाना। यह व्यक्ति को स्पष्ट और प्रभावशाली बोलने में मदद करता है। जिन लोगों को पब्लिक स्पीकिंग या शिक्षण से जुड़ा काम करना पड़ता है, उनके लिए यह 4 मुखी रुद्राक्ष के फायदे जीवन बदलने वाले साबित होते हैं। यह डर, झिझक और संकोच को दूर कर आत्मविश्वास देता है।

3. बौद्धिक विकास और तार्किक सोच को तेज करता है

चार मुखी रुद्राक्ष का प्रभाव व्यक्ति के मानसिक विकास पर गहराई से पड़ता है। यह तार्किक शक्ति को मजबूत करता है, जिससे निर्णय क्षमता और समस्याओं को हल करने की क्षमता बढ़ती है। यही वजह है कि वैज्ञानिक, वकील, लेखक, शिक्षक जैसे बौद्धिक पेशों में जुड़े लोग 4 मुखी रुद्राक्ष के लाभ का खूब अनुभव करते हैं।

4. मानसिक तनाव और थकान से राहत

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक तनाव आम हो गया है। चार मुखी रुद्राक्ष मानसिक शांति देता है और थकान को कम करता है। यह अनिद्रा, चिड़चिड़ापन और बार-बार चिंता जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाने में मदद करता है। नियमित धारण से मन में स्थिरता आती है।

5. गले और थायरॉयड संबंधी रोगों में सहायक

चार मुखी रुद्राक्ष के प्रमुख फायदे सिर्फ मानसिक नहीं, शारीरिक भी हैं। यह गले, स्वरयंत्र और थायरॉयड ग्रंथि से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद माना जाता है। खासकर जिनको बार-बार गले की खराश, थायरॉयड की परेशानी या बोलने में तकलीफ़ होती है, उनके लिए यह बेहद लाभकारी होता है।

6. जीवन के उद्देश्य को स्पष्ट करता है

चार मुखी रुद्राक्ष का महत्व सिर्फ पढ़ाई और करियर तक सीमित नहीं है। इसे धारण करने वाला व्यक्ति अपने जीवन के उद्देश्य और लक्ष्य को बेहतर ढंग से पहचान पाता है। यह आंतरिक चेतना को जागृत करता है और व्यक्ति को आत्म-विश्लेषण की शक्ति देता है, जिससे जीवन में संतुलन बना रहता है।

7. नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा

चार मुखी रुद्राक्ष का प्रभाव व्यक्ति को बाहरी नकारात्मक ऊर्जा, बुरी दृष्टि और नकारात्मक विचारों से बचाता है। यह मन में साहस और सकारात्मक सोच का विकास करता है, जिससे हर परिस्थिति में आत्मविश्वास बना रहता है।

8. करियर और व्यवसाय में सफलता

4 मुखी रुद्राक्ष के फायदे उन लोगों को भी मिलते हैं जो व्यवसाय या नौकरी में ऊँचाइयाँ पाना चाहते हैं। यह निर्णायक शक्ति को मजबूत करता है, जिससे बड़े फैसले लेने में मदद मिलती है। चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील, व्यापारी और दूसरे पेशेवर लोग भी इसे पहनकर अपने काम में सफलता हासिल करते हैं।

9. रिश्तों में मधुरता लाता है

चार मुखी रुद्राक्ष के लाभों में एक खास बात यह भी है कि यह व्यक्ति के पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों में मधुरता लाता है। यह आत्मीयता बढ़ाता है, गलतफहमियों को दूर करता है और संवाद में पारदर्शिता लाता है।

10. आत्म-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ाता है

चार मुखी रुद्राक्ष पहनने वाला व्यक्ति सिर्फ खुद पर भरोसा करना सीखता है, बल्कि समाज में भी उसका मान-सम्मान बढ़ता है। यह आत्म-सम्मान को मज़बूत करता है, जिससे व्यक्ति अपने विचारों को निडरता से रख पाता है।

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चार मुखी रुद्राक्ष के नुकसान | 4 Mukhi Rudraksha ke Nuksan

हालांकि चार मुखी रुद्राक्ष के फायदे बहुत हैं, लेकिन अगर इसे गलत तरीके से पहना जाए, बिना उचित मार्गदर्शन के धारण किया जाए, या नकली रुद्राक्ष का इस्तेमाल किया जाए, तो कुछ नकारात्मक प्रभाव (चार मुखी रुद्राक्ष के नुकसान) भी देखे जा सकते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से:

1. अत्यधिक सोचना

चार मुखी रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति में विचार शक्ति तो बढ़ती है, लेकिन अगर इसे गलत विधि से पहना जाए तो यह अत्यधिक सोचने की आदत को जन्म दे सकता है। इससे मन में उलझन और तनाव भी बढ़ सकता है।

2. भावनात्मक दूरी

कुछ लोग महसूस करते हैं कि 4 मुखी रुद्राक्ष के गलत प्रभाव के कारण वे भावनात्मक रूप से थोड़ा दूर हो जाते हैं। इससे रिश्तों में अपनापन कम हो सकता है और आपसी समझ पर असर पड़ सकता है।

3. निर्णय लेने में परेशानी

चार मुखी रुद्राक्ष के दुष्प्रभाव में एक और बात देखी गई है कि कभी-कभी व्यक्ति निर्णय लेने में हिचकिचाने लगता है, खासकर तब जब इसे बिना किसी योग्य ज्योतिषी या गुरु के मार्गदर्शन के पहना जाता है।

4. शिक्षा और ज्ञान पर असर

टूटा हुआ, क्षतिग्रस्त या अपवित्र चार मुखी रुद्राक्ष पहनने से इसका असर उल्टा हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि इससे शिक्षा, बुद्धि और स्मरण शक्ति पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

5. नकली चार मुखी रुद्राक्ष के नुकसान

अगर व्यक्ति असली के बजाय नकली चार मुखी रुद्राक्ष पहन ले, तो इसका असर न सिर्फ कम हो जाता है बल्कि जीवन में बाधाएँ भी आ सकती हैं। नकली रुद्राक्ष सफलता की राह में रुकावटें खड़ी कर सकता है।

6. अपवित्र रुद्राक्ष पहनने के दुष्प्रभाव

चार मुखी रुद्राक्ष को पवित्र रखना बहुत जरूरी है। अगर इसे अपवित्र कर दिया जाए (जैसे नशा करते समय पहनना, गंदे स्थान पर रखना आदि), तो इसके सकारात्मक असर कम हो जाते हैं और कुछ मामलों में नकारात्मक परिणाम भी दिख सकते हैं।

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4 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि | 4 Mukhi Rudraksha Dharan Karne ki Vidhi

चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करना सिर्फ आस्था का विषय नहीं, बल्कि सही समय, शुद्धिकरण और मंत्रों के साथ पहनने से ही इसके पूरे लाभ मिलते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं चार मुखी रुद्राक्ष पहनने का सही तरीका:

1. शुभ दिन

चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लिए सोमवार या बुधवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। यह दिन बुध ग्रह और भगवान शिव को समर्पित होते हैं, जिससे रुद्राक्ष का प्रभाव और भी अधिक बढ़ता है।

2. शुद्धिकरण

रुद्राक्ष को सबसे पहले गंगाजल या कच्चे दूध में कुछ मिनटों के लिए डुबोकर शुद्ध करें। इससे रुद्राक्ष की नकारात्मक ऊर्जा निकल जाती है और यह आध्यात्मिक दृष्टि से पवित्र हो जाता है।

3. पूजा

शुद्धिकरण के बाद रुद्राक्ष को पीपल के पत्ते पर रखें, उस पर पुष्प अर्पित करें और धूप-दीप दिखाएँ। इस पूजा से रुद्राक्ष में सकारात्मक ऊर्जा जाग्रत होती है।

4. मंत्र जाप

अब “ॐ ह्रीं नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। यह मंत्र चार मुखी रुद्राक्ष के देवता भगवान ब्रह्मा को समर्पित है और इसे धारण करने से पहले जपना बहुत जरूरी है।

5. धारण करने का तरीका

चार मुखी रुद्राक्ष को आप सोने या चांदी की चेन में पहन सकते हैं, या फिर लाल धागे में भी गले या बाजू में धारण कर सकते हैं। लाल धागा शुद्ध और नया होना चाहिए।

6. दिशा का ध्यान

रुद्राक्ष धारण करते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करना सबसे शुभ माना जाता है। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है।

नोट:

  • हमेशा असली और प्रमाणित चार मुखी रुद्राक्ष ही पहनें।
  • पहनने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी या पंडित से सलाह ज़रूर लें।
  • रुद्राक्ष को नशा करते समय, अंतिम संस्कार में या अशुद्ध अवस्था में न पहनें।

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4 मुखी रुद्राक्ष किसे पहनना चाहिए? | 4 Mukhi Rudraksha Kise Pahnna Chahiye

चार मुखी रुद्राक्ष उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है, जो ज्ञान, बुद्धि, स्मरण शक्ति और रचनात्मकता में सुधार करना चाहते हैं। इसे ब्रह्मा जी और देवी सरस्वती का आशीर्वाद माना जाता है, इसलिए यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो पढ़ाई, लेखन, कला या मानसिक कार्य करते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं:

1. विद्यार्थी और छात्र

जो लोग पढ़ाई में कमजोर महसूस करते हैं, एकाग्रता की कमी या बार-बार भूल जाने की समस्या से जूझते हैं, उनके लिए चार मुखी रुद्राक्ष अमृत समान है। यह स्मरण शक्ति तेज करता है और परीक्षा में सफलता पाने में मदद करता है।

2. लेखक, वैज्ञानिक और शोधकर्ता

चार मुखी रुद्राक्ष के लाभ उन लोगों को भी मिलते हैं, जिनका काम सोच, विश्लेषण और रचनात्मकता से जुड़ा है। लेखक, वैज्ञानिक, शोधकर्ता, पत्रकार और कवि इस रुद्राक्ष को पहनकर अपनी बौद्धिक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।

3. कलाकार और क्रिएटिव पेशेवर

चित्रकार, डिजाइनर, संगीतकार जैसे रचनात्मक क्षेत्र से जुड़े लोग चार मुखी रुद्राक्ष पहनकर अपनी कल्पनाशक्ति और कला को और निखार सकते हैं।

4. कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार क्षेत्र में काम करने वाले

इन क्षेत्रों में लगातार नई सोच, तेज़ निर्णय क्षमता और ध्यान की ज़रूरत होती है। 4 मुखी रुद्राक्ष पहनने से मन स्थिर रहता है और कार्यक्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन होता है।

5. जो आत्मविश्वास और आत्म-ज्ञान बढ़ाना चाहते हैं

चार मुखी रुद्राक्ष पहनने से आत्म-विश्लेषण की क्षमता बढ़ती है, आत्मविश्वास आता है और व्यक्ति खुद को और अपने विचारों को बेहतर ढंग से समझ पाता है।

6. मानसिक या बौद्धिक कार्य करने वाले सभी लोग

चाहे आप किसी भी पेशे में हों – अगर आपका काम ज्यादा सोचने, प्लानिंग या विश्लेषण से जुड़ा है, तो चार मुखी रुद्राक्ष पहनकर आप मन की थकान, उलझन और नकारात्मक विचारों से बच सकते हैं।

7. जिनकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर हो

यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है, या बुध से संबंधित दोष हैं, तो चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से बुध ग्रह मज़बूत होता है और जीवन में सफलता की संभावनाएँ बढ़ती हैं।

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चार मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम | 4 Mukhi Rudraksha ke Niyam

चार मुखी रुद्राक्ष को पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है, इसलिए इसे पहनने से पहले और पहनने के बाद कुछ विशेष नियमों का पालन करना बहुत ज़रूरी है। ये नियम न केवल इसके आध्यात्मिक प्रभाव को बनाए रखते हैं, बल्कि इसके जीवन को भी बढ़ाते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से:

1. पवित्रता बनाए रखना

चार मुखी रुद्राक्ष को हमेशा साफ और पवित्र हाथों से ही छूना चाहिए। इसे गंदे या अशुद्ध हाथों से छूना अशुभ माना जाता है।

2. स्नान और सोते समय उतारें

नहाते समय और सोते समय 4 मुखी रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए। अत्यधिक पानी, साबुन या शैम्पू के संपर्क में आने से इसकी प्राकृतिक चमक और ऊर्जा पर असर पड़ सकता है।

3. श्मशान भूमि या अंतिम संस्कार में न पहनें

श्मशान भूमि या अंतिम संस्कार जैसे अशुद्ध स्थान पर चार मुखी रुद्राक्ष पहनकर नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इससे इसकी ऊर्जा प्रभावित होती है।

4. रसायनों से बचाएं

तेल, परफ्यूम, डियोड्रेंट, साबुन और अन्य रसायन रुद्राक्ष की सतह को नुकसान पहुँचा सकते हैं। इसलिए इन्हें लगाते समय या लगाने के तुरंत बाद रुद्राक्ष को उतार लें।

5. सात्विक जीवनशैली

चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने के बाद मांसाहार, मदिरा, तम्बाकू आदि से दूर रहना चाहिए। सात्विक भोजन और विचारों से ही इसका पूरा फल मिलता है।

6. पूजा और मंत्र जाप

रुद्राक्ष पहनने से पहले इसे गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें। फिर भगवान शिव का “ॐ नमः शिवाय” मंत्र बोलकर पूजा करें। इससे इसकी शक्ति जागृत होती है।

7. धारण विधि

चार मुखी रुद्राक्ष को सोने या चांदी में मढ़वाकर, या फिर लाल रेशम या ऊनी धागे में पहनना सबसे शुभ माना जाता है।

8. मंत्र जाप के साथ पहनें

रुद्राक्ष पहनने के बाद “ॐ ह्रीं नमः” मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। यह मंत्र भगवान ब्रह्मा को समर्पित है और पहनने वाले को ज्ञान और आत्मविश्वास देता है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

1. चार मुखी रुद्राक्ष कैसे पहने?

चार मुखी रुद्राक्ष पहनने के लिए सबसे शुभ दिन सोमवार या बुधवार माना जाता है। इसे गंगाजल या कच्चे दूध से शुद्ध करें, फिर पीपल के पत्ते पर रखकर भगवान शिव की पूजा करें और “ॐ ह्रीं नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद इसे सोने, चांदी की चेन या लाल रेशम के धागे में पहनें। धारण करते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करना शुभ रहता है।

2. चार मुखी रूद्राक्ष की कीमत

चार मुखी रूद्राक्ष की कीमत उसके आकार, वजन, गुणवत्ता और मूल स्थान पर निर्भर करती है। सामान्यत: नेपाली चार मुखी रूद्राक्ष की कीमत इंडोनेशिया या भारत के रूद्राक्ष की तुलना में अधिक होती है। भारत में असली चार मुखी रूद्राक्ष लगभग 900 रुपये से लेकर 2100 रुपये तक मिल सकता है, पर प्रमाणित रुद्राक्ष के दाम थोड़े ज्यादा भी हो सकते हैं।

3. 4 मुखी रुद्राक्ष का मंत्र

चार मुखी रुद्राक्ष का प्रमुख मंत्र “ॐ ह्रीं नमः” है। इसे धारण करते समय 108 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए, जिससे रुद्राक्ष की ऊर्जा सक्रिय होती है और पहनने वाले को अधिक लाभ मिलता है।

4. चार मुखी रुद्राक्ष किस राशि को पहनना चाहिए

चार मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से मिथुन राशि (Gemini) के जातकों के लिए शुभ माना जाता है, क्योंकि यह बुध ग्रह को बल देता है। हालांकि, शिक्षा, लेखन, कला, या बौद्धिक कार्य से जुड़े किसी भी व्यक्ति को इसे पहनने से लाभ हो सकता है, चाहे उसकी राशि कुछ भी हो।

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